लेखनी प्रतियोगिता -08-Apr-2022 - तपन
रंगो भरा एक सपना देखा,
सपने में कोई अपना देखा |
रंगीला था मेरा साजन बड़ा
कब से पीछे था वह मेरे पड़ा |
ख्वाब ने हमें यह क्या दिखाया ,
हमने उससे कुछ यूं फरमाया |
कौन हो तुम जो मेरे पीछे पड़े ,
रहते हो क्यों मुझसे दूर खड़े |
गालों पर मेरे जो रंगत छाई ,
क्या हो सनम तुम मेरी परछाई |
शरारते कुछ फिर वो यूँ करता ,
दिल उसके लिए मेरा धड़कता |
ख्वाबों में ही तुम आते हो पिया,
तपन लगाकर तड़पाए जिया |
सपनों को सच अब कर जाओ,
मौसम में रवानियत भर जाओ |
रंगीन ख्वाब मेरे हो जाएंगे पूरे ,
न फिर सपने हमारे रहेंगे अधूरे |
जिंदगी में जब तुम आ जाओगे
प्रेम सुधा तब हम पर बरसाओगे ||
प्रतियोगिता हेतु
श
Reyaan
10-Apr-2022 01:34 PM
Very nice
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Shrishti pandey
09-Apr-2022 11:46 AM
Very nice
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Punam verma
09-Apr-2022 07:59 AM
Very nice
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